किल कोरोना अभियान जिले में 1 जुलाई से प्रारंभ होगा, कलेक्टर ने अभियान की तैयारी के लिए समीक्षा बैठक ली
उज्जैन 28 जून। उज्जैन जिले के ग्रामीण एवं नगरीय निकायों में ‘किल कोरोना’ अभियान एक जुलाई से प्रारंभ होगा। इस अभियान के दौरान सर्वे टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्दी बुखार एवं खांसी वाले मरीजों की पहचान कर उनका परीक्षण करवाया जाएगा। अभियान का उद्देश्य कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीजों की पहचान एवं समय पर उपचार करना है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में बृहस्पति भवन में आज बैठक आयोजित की गई।
कलेक्टर ने बैठक में जिले के सभी एसडीएम, ब्लॉक मेडिकल अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि वे इस अभियान में गंभीरतापूर्वक अपनी सहभागिता करते हुए उज्जैन जिले को कोरोनामुक्त करने में अपना योगदान दें। कलेक्टर ने कहा है कि प्रत्येक गांव में सर्वे की टीम जाएगी। सर्वे टीम में आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा शिक्षक शामिल होंगे। इसके बाद चिन्हित किए गए मरीजों की जांच पर्यवेक्षक टीम करेगी, जिसमें एएनएम, एमपीडब्ल्यू तथा महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक शामिल होंगे। कोरोना, डेंगू जैसी बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों का ऑक्सीमीटर, दूर से तापमान लेने वाले थर्मामीटर से तापमान लिया जाएगा एवं उनके रक्तचाप का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति का सैंपल लेकर कोरोना की जांच कराई जाएगी एवं फीवर क्लिनिक में उनका उपचार किया जाएगा। कोरोना पॉजीटिव आने वाले मरीजों का कोविड केयर सेन्टर एवं डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में उपचार होगा। मलेरिया बुखार से पीड़ित मरीजों को भी सर्वे के दौरान उपचार उपलब्ध करवाया जायेगा।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि सभी सुपरवाइजर लेवल की टीमों के पास जांच के सभी उपकरण होंगे। वे सार्थक एप पर डाटा अपलोड करेंगे। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि आगामी एक दिन में जिले में सभी टीमों का गठन करके उनका आदेश जारी कर दिये जाएं। सभी सर्वे टीम को मास्क, सेनीटाइजर उपलब्ध कराते हुए प्रशिक्षण आयोजित कर लिया जाए । उन्होंने कहा कि एक जुलाई की सुबह से सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया जाए।
संभागायुक्त एवं कलेक्टर द्वारा निरीक्षण किया जाएगा
एक जुलाई को ही संभागायुक्त एवं कलेक्टर द्वारा जिले के किसी भी क्षेत्र में जाकर अचानक पड़ताल की जायेगी कि सर्वे ठीक से प्रारंभ हुआ है या नहीं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल, जिले के सभी एसडीएम, विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सर्वे टीम के लिए आवश्यक रजिस्टर प्रिंट करा कर उन्हें एक जुलाई से पहले दे दिए जाएं। मोबाइल एप से केवल पर्यवेक्षण करने वाली टीम ही डाटा को फीड करेगी। प्रत्येक परीक्षण करने वाली टीम के ऊपर एक चिकित्सक की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि चिकित्सकीय परीक्षण में किसी तरह की असुविधा ना हो।
जिले में कोरोना वायरस अभी विद्यमान है
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बैठक में सभी अधिकारियों से कहा है कि पिछले कुछ दिनों से उज्जैन जिले में कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी आ रही है। हॉटस्पॉट भी लगभग समाप्त हो गए हैं किंतु इससे यह न समझा जाए कि जिले में कोरोना वायरस खत्म हो गया है। कोरोना वायरस अभी भी विद्यमान है, इसलिए इस खतरे से निपटने के लिए सावधानी रखना अत्यधिक आवश्यक है। हमें अपनी सावधानियों एवं सुरक्षा के साधनों से समझौता नहीं करना है। आम जनता में कोरोना से बचाव के उपायों के बारे में प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता निरंतर बनाए रखना है। कलेक्टर ने कहा है कि सर्वे अभियान से कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों की पहचान काफी पहले हो जाती है और इससे उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर के बेगमपुरा, मालीपुरा क्षेत्र इसके उदाहरण हैं, जहां पर समय पर मरीजों की पहचान हो जाने से उन्हें समुचित उपचार दिया जा सका।
उज्जैन 28 जून। उज्जैन जिले के ग्रामीण एवं नगरीय निकायों में ‘किल कोरोना’ अभियान एक जुलाई से प्रारंभ होगा। इस अभियान के दौरान सर्वे टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्दी बुखार एवं खांसी वाले मरीजों की पहचान कर उनका परीक्षण करवाया जाएगा। अभियान का उद्देश्य कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीजों की पहचान एवं समय पर उपचार करना है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में बृहस्पति भवन में आज बैठक आयोजित की गई।
कलेक्टर ने बैठक में जिले के सभी एसडीएम, ब्लॉक मेडिकल अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि वे इस अभियान में गंभीरतापूर्वक अपनी सहभागिता करते हुए उज्जैन जिले को कोरोनामुक्त करने में अपना योगदान दें। कलेक्टर ने कहा है कि प्रत्येक गांव में सर्वे की टीम जाएगी। सर्वे टीम में आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा शिक्षक शामिल होंगे। इसके बाद चिन्हित किए गए मरीजों की जांच पर्यवेक्षक टीम करेगी, जिसमें एएनएम, एमपीडब्ल्यू तथा महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक शामिल होंगे। कोरोना, डेंगू जैसी बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों का ऑक्सीमीटर, दूर से तापमान लेने वाले थर्मामीटर से तापमान लिया जाएगा एवं उनके रक्तचाप का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति का सैंपल लेकर कोरोना की जांच कराई जाएगी एवं फीवर क्लिनिक में उनका उपचार किया जाएगा। कोरोना पॉजीटिव आने वाले मरीजों का कोविड केयर सेन्टर एवं डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में उपचार होगा। मलेरिया बुखार से पीड़ित मरीजों को भी सर्वे के दौरान उपचार उपलब्ध करवाया जायेगा।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि सभी सुपरवाइजर लेवल की टीमों के पास जांच के सभी उपकरण होंगे। वे सार्थक एप पर डाटा अपलोड करेंगे। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि आगामी एक दिन में जिले में सभी टीमों का गठन करके उनका आदेश जारी कर दिये जाएं। सभी सर्वे टीम को मास्क, सेनीटाइजर उपलब्ध कराते हुए प्रशिक्षण आयोजित कर लिया जाए । उन्होंने कहा कि एक जुलाई की सुबह से सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया जाए।
संभागायुक्त एवं कलेक्टर द्वारा निरीक्षण किया जाएगा
एक जुलाई को ही संभागायुक्त एवं कलेक्टर द्वारा जिले के किसी भी क्षेत्र में जाकर अचानक पड़ताल की जायेगी कि सर्वे ठीक से प्रारंभ हुआ है या नहीं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल, जिले के सभी एसडीएम, विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सर्वे टीम के लिए आवश्यक रजिस्टर प्रिंट करा कर उन्हें एक जुलाई से पहले दे दिए जाएं। मोबाइल एप से केवल पर्यवेक्षण करने वाली टीम ही डाटा को फीड करेगी। प्रत्येक परीक्षण करने वाली टीम के ऊपर एक चिकित्सक की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि चिकित्सकीय परीक्षण में किसी तरह की असुविधा ना हो।
जिले में कोरोना वायरस अभी विद्यमान है
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बैठक में सभी अधिकारियों से कहा है कि पिछले कुछ दिनों से उज्जैन जिले में कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी आ रही है। हॉटस्पॉट भी लगभग समाप्त हो गए हैं किंतु इससे यह न समझा जाए कि जिले में कोरोना वायरस खत्म हो गया है। कोरोना वायरस अभी भी विद्यमान है, इसलिए इस खतरे से निपटने के लिए सावधानी रखना अत्यधिक आवश्यक है। हमें अपनी सावधानियों एवं सुरक्षा के साधनों से समझौता नहीं करना है। आम जनता में कोरोना से बचाव के उपायों के बारे में प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता निरंतर बनाए रखना है। कलेक्टर ने कहा है कि सर्वे अभियान से कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों की पहचान काफी पहले हो जाती है और इससे उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर के बेगमपुरा, मालीपुरा क्षेत्र इसके उदाहरण हैं, जहां पर समय पर मरीजों की पहचान हो जाने से उन्हें समुचित उपचार दिया जा सका।
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