कोरोना के खिलाफ जंग में सरपंचों का भरपूर सहयोग मिला -मुख्यमंत्री श्री चौहान, गांवों में कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु काफी जागरूकता है, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की
उज्जैन 11 जून। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को भोपाल से प्रदेश के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। वीसी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में प्रदेश के सभी सरपंचों का भरपूर सहयोग मिला है। इसके लिये मुख्यमंत्री ने सभी सरपंचों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना एक ऐसी बीमारी है, जिसे कभी दुनिया ने नहीं देखा और आज पूरी दुनिया उससे लड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर कोरोना को पराजित जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। पॉजीटिव केसेस आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश के अस्पतालों की अच्छी व्यवस्था और इलाज से पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घरों को भी जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यह बीमारी केवल शहरों तक ही सीमित थी, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुछ प्रकरण सामने आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के लगभग 16 लाख 75 हजार प्रवासी मजदूरों को हमने विभिन्न राज्यों से वापस बुलाया है। मुख्यमंत्री ने सभी सरपंचों से अपील की कि कोरोना का कोई स्थाई इलाज या टीका अभी तक इजाद नहीं किया गया है, इसीलिये इस बीमारी से केवल सावधानी रखकर ही बचा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों से कहा कि वे अपने-अपने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सावधानी बरतने के लिये कहें। ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने, बार-बार साबुन से हाथ धोने और हर समय अपने साथ सेनीटाइजर रखने के लिये कहें। सरपंच स्वयं भी सावधानी बरतें और बाकी लोगों से भी सावधानी बरतने के लिये कहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश के गांवों में लोगों में जागरूकता बहुत है। मध्य प्रदेश में कोरोना से ठीक होकर घर गये लोगों का प्रतिशत अर्थात रिकवरी रेट लगभग 68 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई कोरोना के लक्षण वाला केस आये भी तो सरपंच चिन्ता न करें, तुरन्त संक्रमित को डॉक्टर के पास भेजकर इलाज प्रारम्भ करवायें। सही समय पर इलाज मिलने से कोरोना से पूर्ण रूप से ठीक हुआ जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन ने हर ग्राम पंचायत को लगभग 30 हजार रुपये की राशि सेनीटाइजर, मास्क, ग्लब्ज आदि क्रय करने के लिये उपलब्ध कराई है। सरपंच ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर गोले बनवायें, ताकि भीड़भाड़ होने के स्थिति न हो। इसके अलावा ग्रामीणजनों को सरपंच नियमित रूप से आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने की भी सलाह दें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों के माध्यम से समस्त ग्रामीणवासियों से अपील की कि वे शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। यदि कोई कोरोना संक्रमित हो भी जाता है तो शासन द्वारा व्यक्ति के इलाज की उत्तम व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंच-परमेश्वर योजना को पुन: प्रारम्भ करवाया गया है। सरपंच पंचायतों में विकास कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ करवायें तथा काम उत्तम गुणवत्ता का हो, यह सुनिश्चित करें। गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता के कार्य को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिये सरकार ने मनरेगा के कामों को बड़े स्तर पर प्रारम्भ करवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा ।कि 22 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में दो लाख मनरेगा के काम हो चुके हैं। लगभग 52 लाख 85 हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को मई और जून माह में नि:शुल्क खाद्यान्न सामग्री जैसे गेहूं, चावल और दाल उपलब्ध कराई जायेगी। सरकार द्वारा संबल योजना को पुन: प्रारम्भ किया गया है, साथ ही रोजगार सेतु योजना भी प्रारम्भ की गई है। इससे कई मजदूरों को रोजगार मिलना प्रारम्भ हो गया है। आने वाले समय में रोजगार मेलों का आयोजन भी सरकार द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में गेहूं की भी बंपर आवक हुई है। इसके लिये उन्होंने प्रदेश के किसानों का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बम्पर पैदावार में मध्य प्रदेश अब पंजाब को पछाड़कर पहले स्थान पर आ गया है। अब तक एक करोड़ मैट्रिक टन से अधिक के लगभग गेहूं खरीदी की जा चुकी है। किसान किसी भी प्रकार की चिन्ता न करें।
मुख्यमंत्री ने समस्त सरपंचों से कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर इस संकट से एक दिन जरूर उभरेंगे और पुन: मध्य प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जायेंगे। वीसी के दौरान उज्जैन एनआईसी कक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना, अन्य अधिकारीगण तथा सरपंच मौजूद थे।
उज्जैन 11 जून। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को भोपाल से प्रदेश के सरपंचों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। वीसी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में प्रदेश के सभी सरपंचों का भरपूर सहयोग मिला है। इसके लिये मुख्यमंत्री ने सभी सरपंचों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना एक ऐसी बीमारी है, जिसे कभी दुनिया ने नहीं देखा और आज पूरी दुनिया उससे लड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर कोरोना को पराजित जरूर करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। पॉजीटिव केसेस आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश के अस्पतालों की अच्छी व्यवस्था और इलाज से पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घरों को भी जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यह बीमारी केवल शहरों तक ही सीमित थी, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुछ प्रकरण सामने आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के लगभग 16 लाख 75 हजार प्रवासी मजदूरों को हमने विभिन्न राज्यों से वापस बुलाया है। मुख्यमंत्री ने सभी सरपंचों से अपील की कि कोरोना का कोई स्थाई इलाज या टीका अभी तक इजाद नहीं किया गया है, इसीलिये इस बीमारी से केवल सावधानी रखकर ही बचा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों से कहा कि वे अपने-अपने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सावधानी बरतने के लिये कहें। ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने, बार-बार साबुन से हाथ धोने और हर समय अपने साथ सेनीटाइजर रखने के लिये कहें। सरपंच स्वयं भी सावधानी बरतें और बाकी लोगों से भी सावधानी बरतने के लिये कहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश के गांवों में लोगों में जागरूकता बहुत है। मध्य प्रदेश में कोरोना से ठीक होकर घर गये लोगों का प्रतिशत अर्थात रिकवरी रेट लगभग 68 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई कोरोना के लक्षण वाला केस आये भी तो सरपंच चिन्ता न करें, तुरन्त संक्रमित को डॉक्टर के पास भेजकर इलाज प्रारम्भ करवायें। सही समय पर इलाज मिलने से कोरोना से पूर्ण रूप से ठीक हुआ जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन ने हर ग्राम पंचायत को लगभग 30 हजार रुपये की राशि सेनीटाइजर, मास्क, ग्लब्ज आदि क्रय करने के लिये उपलब्ध कराई है। सरपंच ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर गोले बनवायें, ताकि भीड़भाड़ होने के स्थिति न हो। इसके अलावा ग्रामीणजनों को सरपंच नियमित रूप से आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने की भी सलाह दें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों के माध्यम से समस्त ग्रामीणवासियों से अपील की कि वे शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। यदि कोई कोरोना संक्रमित हो भी जाता है तो शासन द्वारा व्यक्ति के इलाज की उत्तम व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंच-परमेश्वर योजना को पुन: प्रारम्भ करवाया गया है। सरपंच पंचायतों में विकास कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ करवायें तथा काम उत्तम गुणवत्ता का हो, यह सुनिश्चित करें। गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता के कार्य को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिये सरकार ने मनरेगा के कामों को बड़े स्तर पर प्रारम्भ करवाया है। मुख्यमंत्री ने कहा ।कि 22 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में दो लाख मनरेगा के काम हो चुके हैं। लगभग 52 लाख 85 हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को मई और जून माह में नि:शुल्क खाद्यान्न सामग्री जैसे गेहूं, चावल और दाल उपलब्ध कराई जायेगी। सरकार द्वारा संबल योजना को पुन: प्रारम्भ किया गया है, साथ ही रोजगार सेतु योजना भी प्रारम्भ की गई है। इससे कई मजदूरों को रोजगार मिलना प्रारम्भ हो गया है। आने वाले समय में रोजगार मेलों का आयोजन भी सरकार द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में गेहूं की भी बंपर आवक हुई है। इसके लिये उन्होंने प्रदेश के किसानों का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बम्पर पैदावार में मध्य प्रदेश अब पंजाब को पछाड़कर पहले स्थान पर आ गया है। अब तक एक करोड़ मैट्रिक टन से अधिक के लगभग गेहूं खरीदी की जा चुकी है। किसान किसी भी प्रकार की चिन्ता न करें।
मुख्यमंत्री ने समस्त सरपंचों से कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर इस संकट से एक दिन जरूर उभरेंगे और पुन: मध्य प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जायेंगे। वीसी के दौरान उज्जैन एनआईसी कक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना, अन्य अधिकारीगण तथा सरपंच मौजूद थे।
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