मध्यप्रदेश के स्वसहायता समूहों की बहनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया
मध्यप्रदेश के स्वसहायता समूहों की बहनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। आप सभी बहनों ने #COVID19 से उत्पन्न विषम परिस्थिति में एक करोड़ से अधिक मास्क बनाने का काम किया। कोविड19 से बचने के उपाय बताने और पेंटिंग के माध्यम से आपने लोगों को जागरुक भी किया, आप सभी बहनें इन कार्यों के लिए बधाई की पात्र हैं। स्व-सहायता समूह की हमारी बहनों की आमदनी बढ़े, इसके लिए हम प्रयासरत हैं। आप मास्क पहले से ही बना रही हैं। अब एक करोड़ तीन लाख बच्चों की यूनिफार्म बनाना है। इससे लगभग 400 करोड़ रुपये का काम हमारी स्वसहायता समूह की बहनों को मिलेगा। टेक होम राशन बनाने का काम भी हर साल लगभग 700 करोड़ रुपये का होता है। मुझे विश्वास है कि गर्भवती बहनों को दिया जाने वाला टेक होम राशन आप बनायेंगी, तो और बेहतर होगा, क्योंकि आप मां की ममता को अधिक बेहतर महसूस कर सकती हैं। आंगनवाड़ियों में टेक होम राशन के वितरण का काम भी स्वसहायता समूहों को दिया जायेगा। इसके अलावा मनरेगा योजना के अंतर्गत नर्सरी, गौशाला, पशु शेड, खेत तालाब, वृक्षारोपण का काम भी हमारी स्वसहायता समूह की बहनें करेंगी। हम अपनी स्वसहायता की बहनों से 90 हजार पीपीई किट बनवाकर अपनी मध्यप्रदेश पुलिस को देंगे, ताकि अपने कर्तव्य की पूर्ति करते हुए वे कोरोना से बच सकें। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने #AatmanirbharBharat की बात कही। आत्मनिर्भर का मतलब है कि अपनी जरूरत की चीजें, अपने यहां ही बनायेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने का फैसला किया है। अपनी जरूरत की हर चीज हम मध्यप्रदेश में बनायेंगे। साबुन, तेल, सैनिटाइजर, टूथपेस्ट, कपड़े, अगरबत्ती, अचार, पापड़, दोना-पत्तल, मास्क, साड़ी जैसे अनेक काम आप सब बहनें सहज ही कर सकती हैं। ऐसे प्रयासों से ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनेगा।
मध्यप्रदेश के स्वसहायता समूहों की बहनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। आप सभी बहनों ने #COVID19 से उत्पन्न विषम परिस्थिति में एक करोड़ से अधिक मास्क बनाने का काम किया। कोविड19 से बचने के उपाय बताने और पेंटिंग के माध्यम से आपने लोगों को जागरुक भी किया, आप सभी बहनें इन कार्यों के लिए बधाई की पात्र हैं। स्व-सहायता समूह की हमारी बहनों की आमदनी बढ़े, इसके लिए हम प्रयासरत हैं। आप मास्क पहले से ही बना रही हैं। अब एक करोड़ तीन लाख बच्चों की यूनिफार्म बनाना है। इससे लगभग 400 करोड़ रुपये का काम हमारी स्वसहायता समूह की बहनों को मिलेगा। टेक होम राशन बनाने का काम भी हर साल लगभग 700 करोड़ रुपये का होता है। मुझे विश्वास है कि गर्भवती बहनों को दिया जाने वाला टेक होम राशन आप बनायेंगी, तो और बेहतर होगा, क्योंकि आप मां की ममता को अधिक बेहतर महसूस कर सकती हैं। आंगनवाड़ियों में टेक होम राशन के वितरण का काम भी स्वसहायता समूहों को दिया जायेगा। इसके अलावा मनरेगा योजना के अंतर्गत नर्सरी, गौशाला, पशु शेड, खेत तालाब, वृक्षारोपण का काम भी हमारी स्वसहायता समूह की बहनें करेंगी। हम अपनी स्वसहायता की बहनों से 90 हजार पीपीई किट बनवाकर अपनी मध्यप्रदेश पुलिस को देंगे, ताकि अपने कर्तव्य की पूर्ति करते हुए वे कोरोना से बच सकें। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने #AatmanirbharBharat की बात कही। आत्मनिर्भर का मतलब है कि अपनी जरूरत की चीजें, अपने यहां ही बनायेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने का फैसला किया है। अपनी जरूरत की हर चीज हम मध्यप्रदेश में बनायेंगे। साबुन, तेल, सैनिटाइजर, टूथपेस्ट, कपड़े, अगरबत्ती, अचार, पापड़, दोना-पत्तल, मास्क, साड़ी जैसे अनेक काम आप सब बहनें सहज ही कर सकती हैं। ऐसे प्रयासों से ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनेगा।
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