इस्कॉन की रथयात्रा मंदिर परिसर में ही निकलेगी
उज्जैन. भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर की रथयात्रा 23 जून को मंदिर परिसर में ही निकाली जाएगी। इसके लिए छोटा अस्थायी रथ बनाया गया है। रथ में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की छोटी प्रतिमाएं विराजित कर मंदिर के पुजारी ही रथ खींचेंगे। मंदिर परिसर में ही गुंदीचा बनाया जाएगा। पुरी रथयात्रा को अनुमति नहीं मिलने से इस्कॉन मंदिर प्रबंधन ने भी अनुमति का इंतजार करने की बजाए मंदिर परिसर में ही रथयात्रा निकालने के लिए इंतजाम कर लिए हैं। इसके लिए छोटा रथ बनाया है। पीआरओ राघव पंडितदास के अनुसार छोटे रथ में भगवान की छोटी प्रतिमाएं जो मंदिर में पूजन के लिए रहती
हैं, उन्हें विराजित कर रथयात्रा निकालेंगे। रथयात्रा सुबह 11 बजे निकलेगी। रथयात्रा का समापन परिसर में ही बनाए गए गुंदीचा में होगा। इसके बाद गुंदीचा में भी कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा। प्रतीकात्मक रूप से पुजारीगण ही भगवान के मन बहलाव के लिए भजन-कीर्तन आदि के आयोजन करेंगे। मंदिर खोलने की अनुमति नहीं होने के कारण आम श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं होगा।
उज्जैन. भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर की रथयात्रा 23 जून को मंदिर परिसर में ही निकाली जाएगी। इसके लिए छोटा अस्थायी रथ बनाया गया है। रथ में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की छोटी प्रतिमाएं विराजित कर मंदिर के पुजारी ही रथ खींचेंगे। मंदिर परिसर में ही गुंदीचा बनाया जाएगा। पुरी रथयात्रा को अनुमति नहीं मिलने से इस्कॉन मंदिर प्रबंधन ने भी अनुमति का इंतजार करने की बजाए मंदिर परिसर में ही रथयात्रा निकालने के लिए इंतजाम कर लिए हैं। इसके लिए छोटा रथ बनाया है। पीआरओ राघव पंडितदास के अनुसार छोटे रथ में भगवान की छोटी प्रतिमाएं जो मंदिर में पूजन के लिए रहती
हैं, उन्हें विराजित कर रथयात्रा निकालेंगे। रथयात्रा सुबह 11 बजे निकलेगी। रथयात्रा का समापन परिसर में ही बनाए गए गुंदीचा में होगा। इसके बाद गुंदीचा में भी कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा। प्रतीकात्मक रूप से पुजारीगण ही भगवान के मन बहलाव के लिए भजन-कीर्तन आदि के आयोजन करेंगे। मंदिर खोलने की अनुमति नहीं होने के कारण आम श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं होगा।
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