सफलता की कहानी “अर्ली आइडेंटिफिकेशन-अर्ली क्वारेंटाईन” के मोटो के साथ कोरोना से जंग लड़ रहे चिकित्सक, कोरोना से निरन्तर जंग लड़ते हुए ड्यूटी के 100 दिवस पूरे किये
उज्जैन 16 जुलाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल ने जानकारी दी कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते उज्जैन में बनाई गई मेडिकल टीम के चिकित्सक निरन्तर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। कोरोना से लगातार जंग लड़ते हुए 100 दिवस पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन डॉक्टरों की टीम बिना रूके और बिना थके “अर्ली आइडेंटिफिकेशन-अर्ली क्वारेंटाईन” के मोटो के साथ कार्य कर रही है। कोरोनाकाल के दौरान प्रशासन के साथ डॉक्टर्स, नर्सेस और सफाईकर्मी कंधे से कंधा मिलाकर प्रथम पंक्ति में कार्य कर रहे हैं। बतौर कर्मठ कोरोना वॉरियर जिला चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ.रौनक एल्ची रेपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के नोडल अधिकारी के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
डॉ.रौनक एल्ची लगातार 6 अप्रैल से बिना किसी अवकाश के कार्य कर रहे हैं। पहले उन्होंने निरन्तर सिविल सर्जन के साथ और उसके पश्चात आरआरटी को संभालते हुए लगातार 100 दिनों तक सेवाएं दी हैं। कोविड-19 संक्रमण में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रही आरआरटी 24x7 अपने कार्य में लगी हुई है। जैसे ही पूरे शहर में कहीं भी किसी भी व्यक्ति को कोरोना से जुड़े कोई लक्षण दिखाई देते हैं, यह टीम तुरन्त डॉ.रौनक के निर्देश पर उनके घर पहुंचकर लोगों का उपचार करती है तथा लोगों को सम्बन्धित अस्पताल में पहुंचाती है।
यदि सेम्पलिंग के बाद कोई कोरोना पॉजीटिव आता है तो उसे अस्पताल पहुंचाना और उसके परिवारजनों तथा आसपास के लोगों को होम क्वारेंटाईन करने का काम भी आरआरटी करती है। जब भी कोई मरीज फीवर क्लिनिक पर उपचार के लिये परामर्श लेता है तो उसकी सारी जानकारी डॉ.रौनक के मार्गदर्शन में टीम द्वारा व्यक्तिगत रूप से लेकर अगले सात से 14 दिनों तक उसका ख्याल रखा जाता है तथा व्यक्ति की समस्या बढ़ने पर तत्काल टीम पहुंचकर उसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराती है। इसके अलावा रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा सभी शासकीय और निजी चिकित्सालयों के बीच तालमेल बनाकर रखा जाता है और उनके सारे मरीजों पर नजर रखी जाती है ताकि कोई भी मरीज कहीं से भी छूट न पाये।
इसके अलावा रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा सर्वे में छूटे हुए हल्की सर्दी-खांसी के मरीजों को जल्द से जल्द पहचान कर उन तक सही उपचार पहुंचाना और उन्हें समझाकर घर पर रखना आदि महत्वपूर्ण कार्य किये जाते हैं। इस वजह से वायरस फैलने की अवस्था में आने से पहले ही रोक दिया जाता है।
उज्जैन 16 जुलाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल ने जानकारी दी कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते उज्जैन में बनाई गई मेडिकल टीम के चिकित्सक निरन्तर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। कोरोना से लगातार जंग लड़ते हुए 100 दिवस पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन डॉक्टरों की टीम बिना रूके और बिना थके “अर्ली आइडेंटिफिकेशन-अर्ली क्वारेंटाईन” के मोटो के साथ कार्य कर रही है। कोरोनाकाल के दौरान प्रशासन के साथ डॉक्टर्स, नर्सेस और सफाईकर्मी कंधे से कंधा मिलाकर प्रथम पंक्ति में कार्य कर रहे हैं। बतौर कर्मठ कोरोना वॉरियर जिला चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ.रौनक एल्ची रेपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के नोडल अधिकारी के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
डॉ.रौनक एल्ची लगातार 6 अप्रैल से बिना किसी अवकाश के कार्य कर रहे हैं। पहले उन्होंने निरन्तर सिविल सर्जन के साथ और उसके पश्चात आरआरटी को संभालते हुए लगातार 100 दिनों तक सेवाएं दी हैं। कोविड-19 संक्रमण में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रही आरआरटी 24x7 अपने कार्य में लगी हुई है। जैसे ही पूरे शहर में कहीं भी किसी भी व्यक्ति को कोरोना से जुड़े कोई लक्षण दिखाई देते हैं, यह टीम तुरन्त डॉ.रौनक के निर्देश पर उनके घर पहुंचकर लोगों का उपचार करती है तथा लोगों को सम्बन्धित अस्पताल में पहुंचाती है।
यदि सेम्पलिंग के बाद कोई कोरोना पॉजीटिव आता है तो उसे अस्पताल पहुंचाना और उसके परिवारजनों तथा आसपास के लोगों को होम क्वारेंटाईन करने का काम भी आरआरटी करती है। जब भी कोई मरीज फीवर क्लिनिक पर उपचार के लिये परामर्श लेता है तो उसकी सारी जानकारी डॉ.रौनक के मार्गदर्शन में टीम द्वारा व्यक्तिगत रूप से लेकर अगले सात से 14 दिनों तक उसका ख्याल रखा जाता है तथा व्यक्ति की समस्या बढ़ने पर तत्काल टीम पहुंचकर उसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराती है। इसके अलावा रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा सभी शासकीय और निजी चिकित्सालयों के बीच तालमेल बनाकर रखा जाता है और उनके सारे मरीजों पर नजर रखी जाती है ताकि कोई भी मरीज कहीं से भी छूट न पाये।
इसके अलावा रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा सर्वे में छूटे हुए हल्की सर्दी-खांसी के मरीजों को जल्द से जल्द पहचान कर उन तक सही उपचार पहुंचाना और उन्हें समझाकर घर पर रखना आदि महत्वपूर्ण कार्य किये जाते हैं। इस वजह से वायरस फैलने की अवस्था में आने से पहले ही रोक दिया जाता है।
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