सफलता की कहानी" कोरोना से लड़ने में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रही रेपिड रिस्पांस टीम

सफलता की कहानी" कोरोना से लड़ने में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रही रेपिड रिस्पांस टीम

उज्जैन 03 जुलाई। कलेक्टर श्री आशीष सिंह और सीएमएचओ डॉ.महावीर खंडेलवाल के मार्गदर्शन में वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 से जंग लड़ने में अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रही है उज्जैन जिले की रेपिड रिस्पांस टीम। यह वह टीम है जिसके अन्तर्गत डॉक्टर्स कार्य कर रहे हैं। जैसे ही पूरे शहर में कहीं भी किसी भी व्यक्ति को कोरोना से जुड़े कोई लक्षण दिखाई देते हैं, ये टीम तुरन्त उनके घर पहुंच कर उन्हें तत्काल उपचार प्रदान करती है और उन्हें सम्बन्धित अस्पताल में पहुंचाती है।

यदि सेम्पलिंग के बाद कोई कोरोना पॉजीटिव आता है तो उसे अस्पताल पहुंचाना, उसके परिवारजनों और आसपास के लोगों को होम क्वारेंटाईन करना, वह कहां-कहां पिछले दिनों में गये हैं उनकी ट्रेवल हिस्ट्री ढूंढ निकालना और उन सभी को जाकर क्वारेंटाईन करने का काम भी यह टीम करती है।

जब भी कोई मरीज फीवर क्लिनिक पर डॉक्टर्स को उपचार के लिये दिखाने आता है तो टीम द्वारा उसकी सारी जानकारी ली जाती है और उसे सात से 14 दिनों तक विशेष ख्याल रखने की हिदायत देती है तथा मरीज की बीमारी बढ़ने पर उसे तत्काल सही चिकित्सालय में भर्ती करवाती है। सभी प्रायवेट और सरकारी चिकित्सालय के बीच रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा बेहतरीन तालमेल बनाकर रखा जा रहा है, ताकि कोई भी मरीज कहीं से भी छूट न पाये। सर्वे में पाये गये हल्की सर्दी-खांसी के मरीजों को जल्द से जल्द चिन्हित कर तथा उन तक सही उपचार पहुंचाना और उन्हें समझा कर घर पर रखना टीम का एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसके कारण वायरस फैलने की अवस्था में आने से पहले ही रोक दिया जाता है। टीम द्वारा कंटेनमेंट एरिया के भीतर सभी लोगों को सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, उन्हें दवाईयां पहुंचाना और उन्हें जरूरत पड़ने पर वहां से बाहर निकालकर चिकित्सालय भेजना भी रेपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के प्रमुख कार्य हैं।

टीम द्वारा कोरोना हेल्पलाइन पर जब भी कोई शिकायत आती है, उसका तत्काल निराकरण किया जाता है। इस तरह टीम द्वारा तत्काल एक्शन लिया जाकर कई जानें बचाई गई। आरआरटी के डॉक्टरों ने सभी ट्रेनों और फ्लाइट से आने-जाने वाले यात्रियों की यथासंभव सूचना प्राप्त करके उन्हें क्वारेंटाईन किया, लॉकडाउन के चलते सभी टोल नाके से सामान्यजनों को ट्रेस कर घर तक छोड़ा, उन्हें क्वारेंटाईन किया, उनका बुखार और एसपीओ-2 नियंत्रित रखने का कार्य किया तथा भरी धूप और बारिश में पीपीई किट पहनकर कोरोना पॉजीटिव मरीजों के घर जाकर सभी जानकारी एकत्रित की है। आरआरटी के डॉक्टरों ने कोरोना पॉजीटिव मरीजों को समझा कर, उनके डर को भगाकर, उनका तापमान, एसपीओ-2 लेकर उन्हें उचित स्थान पर आसान न होने के बावजूद भी पहुंचा कर बखूबी अपना फर्ज निभाया है।

आरआरटी द्वारा जो लोग क्वारेंटाईन किये गये, उनकी 14 दिनों तक पूरी जानकारी रखकर क्वारेंटाईन अवधि खत्म होने पर उन्हें पुन: चेक कर ससम्मान अपने गन्तव्य तक पहुंचाया है। आरआरटी द्वारा शीघ्र पहचान, शीघ्र क्वारेंटाईन और शीघ्र कार्यवाही के मोटो को अपनाते हुए सभी मरीजों को ट्रेस करते हुए शहर के हरएक मोहल्ले से चुन-चुन कर जहां से जो खबर आई, उसे तत्काल समझा गया और लोगों को सही समय पर क्वारेंटाईन करके उज्जैन को रेड झोन से ऑरेंज झोन में लाने में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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