🔹किसानों की दशा और दिशा बदलने में कृषक उत्पादक संगठन योजना कारगर सिद्ध होगी- कलेक्टर
🔹कलेक्टर की अध्यक्षता की में जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक संपन्न
किसान उत्पादक संगठन के गठन एवं संर्वधन योजना के तहत उत्पादक संगठनों के गठन एवं सर्वधन योजनांतर्गत किसानों की भागीदारी से किसानों की दशा और दिशा बदलने में कारगर सिद्ध होगी। इस आशय के विचार कलेक्टर श्री अभय वर्मा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित किसान उत्पादक संगठन के गठन और सर्वधन योजना के तहत गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक के अवसर पर व्यक्त किए।
बैठक में कलेक्टर श्री वर्मा ने निर्देश दिए की योजना के अंतर्गत उत्पादक संगठनों को पर्याप्त बाजार लिंकेज की सुविधा प्रदान की जाएं। किसानों को कृषि उपज का सही दाम दिलाने और कृषि आदान व सस्ते दामों में उपलब्ध कराने में गठित संगठनों की महती भूमिका होगी। उन्होंने निर्देश दिए की सभी विभाग अपने अपने क्षेत्रों में कृषक उत्पादक संगठनों को संभावित सहायता उपलब्ध कराने की पहचान करें। साथ ही विकास खण्डस्तर पर संभावित उत्पादकों कृषि एवं उद्यानिकी फसलों सरवती गेंहू,धानिया तथा सोयावीन के उत्पादक संगठन बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल उपज समूह की ताकत के माध्यम से लाभ दिलाना है। उन्होने निर्देश दिए कि जिले में योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारी आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर नावार्ड के श्री मोटवानी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित यह योजना शुरूआती तौर पर देश में 10 हजार नए कृषक संगठन आने वाले 5 वर्षो में बनाएं जाएगें। जिले में यह योजना समस्त विकासखण्डों में संचलित होगी। प्रत्येक विकासखण्ड कम से कम 2 उत्पादक संगठन बनाए जाने का लक्ष्य है। कृषि उत्पादक संगठनों में 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों,भूमिहीन किसानों एवं महिला किसानों की भागीदारी भी रहेगी। उत्पादक संगठन में कम से कम 300 सदस्यों का होना आवश्यक है। यह संगठन कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किए जाएगें।
🔹कलेक्टर की अध्यक्षता की में जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक संपन्न
किसान उत्पादक संगठन के गठन एवं संर्वधन योजना के तहत उत्पादक संगठनों के गठन एवं सर्वधन योजनांतर्गत किसानों की भागीदारी से किसानों की दशा और दिशा बदलने में कारगर सिद्ध होगी। इस आशय के विचार कलेक्टर श्री अभय वर्मा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित किसान उत्पादक संगठन के गठन और सर्वधन योजना के तहत गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक के अवसर पर व्यक्त किए।
बैठक में कलेक्टर श्री वर्मा ने निर्देश दिए की योजना के अंतर्गत उत्पादक संगठनों को पर्याप्त बाजार लिंकेज की सुविधा प्रदान की जाएं। किसानों को कृषि उपज का सही दाम दिलाने और कृषि आदान व सस्ते दामों में उपलब्ध कराने में गठित संगठनों की महती भूमिका होगी। उन्होंने निर्देश दिए की सभी विभाग अपने अपने क्षेत्रों में कृषक उत्पादक संगठनों को संभावित सहायता उपलब्ध कराने की पहचान करें। साथ ही विकास खण्डस्तर पर संभावित उत्पादकों कृषि एवं उद्यानिकी फसलों सरवती गेंहू,धानिया तथा सोयावीन के उत्पादक संगठन बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल उपज समूह की ताकत के माध्यम से लाभ दिलाना है। उन्होने निर्देश दिए कि जिले में योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारी आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर नावार्ड के श्री मोटवानी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित यह योजना शुरूआती तौर पर देश में 10 हजार नए कृषक संगठन आने वाले 5 वर्षो में बनाएं जाएगें। जिले में यह योजना समस्त विकासखण्डों में संचलित होगी। प्रत्येक विकासखण्ड कम से कम 2 उत्पादक संगठन बनाए जाने का लक्ष्य है। कृषि उत्पादक संगठनों में 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों,भूमिहीन किसानों एवं महिला किसानों की भागीदारी भी रहेगी। उत्पादक संगठन में कम से कम 300 सदस्यों का होना आवश्यक है। यह संगठन कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किए जाएगें।
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