6 माह बाद भक्तों ने महाकाल परिसर के मंदिरों में किए दर्शन लेकिन मास्क लगाना भूले
सुविधा मिली पर सावधानी हटी, कोरोना नियमों का पालन जरूरी, सुरक्षाकर्मियों ने समझाइश दी अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ
उज्जैन।विगत 22 मार्च को देश में लॉकडाउन लागू होने के साथ ही शहर के सभी मंदिरों में भी आम लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और करीब 3 माह बाद कोरोना नियमों के अंतर्गत आम श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शनों की अनुमति मिली।
महाकालेश्वर मंदिर में तभी से लोग दर्शनों को पहुंच रहे हैं लेकिन किसी को परिसर में स्थित मंदिरों में जाने की अनुमति नहीं थी। शासन की नई गाइड लाइन के अनुसार आज से महाकाल मंदिर परिसर के अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं को दर्शनों की सुविधा मिली तो सावधानी हट गई। यहां ड्यूटी कर रहे सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को समझाईश दी कि मास्क लगाएं… कोरोना खत्म नहीं हुआ है।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित औंकारेश्वर, साक्षी गणेश, स्वप्नेश्वर, जूना महाकाल सहित अन्य मंदिरों में अनलॉक के बावजूद आम श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति नहीं थी। इन मंदिरों में सिर्फ पुजारी ही नियमित आरती के लिये पहुंचते थे जबकि आम श्रद्धालु रेलिंग से भगवान के दर्शन कर निर्गम द्वार से सीधे बाहर होते थे। शासन की नई कोरोना गाइड लाइन के बाद आज से महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन द्वारा परिसर के अन्य मंदिरों में आम श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति जारी कर दी।
सुबह देश के विभिन्न राज्यों से भगवान के दर्शनों को आये लोगों ने परिसर के अन्य मंदिरों में पहुंचकर दर्शन पूजन किये, लेकिन इस दौरान लोग मुंह पर मास्क लगाना भूल गये। जिन लोगों के पास मास्क थे उन्होंने हटाकर जेब में रख लिये थे, जबकि मंदिर में प्रवेश से लेकर बाहर आने तक कोरोना नियमों के अंतर्गत मुंह पर मास्क लगाना, हाथ सेनेटराइज करना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। परिसर में बिना मास्क के घूम रहे लोगों को देखकर यहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिये साथ ही यह भी बताया कि अभी कोरोना संक्रमण का जोखिम खत्म नहीं हुआ है।
श्रद्धालुओं में खुशी
देश के विभिन्न राज्यों से महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ नियमित दर्शनार्थियों में भी मंदिर प्रशासन के निर्णय से खुशी थी। लोगों ने बताया कि 6 माह से अधिक समय हो गया परिसर के मंदिरों में दर्शन नहीं हो पाये थे। बाहर के श्रद्धालुओं का कहना था कि बार-बार उज्जैन आकर मंदिर दर्शन करना मुश्किल है। मंदिर प्रशासन ने अच्छा निर्णय लिया और परिसर के मंदिरों में दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया है।
नियमों का पालन जरूरी : प्रशासक
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक सोजान सिंह रावत ने चर्चा में कहा कि सिर्फ परिसर के मंदिरों में दर्शनों की अनुमति दी गई है, जबकि कोरोना नियमों के अंतर्गत पूर्व से जारी निर्देश जिनमें गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंध, फूल प्रसाद दूध ले जाने पर प्रतिबंध के साथ हाथों में धागे बांधने पर भी प्रतिबंध जारी है इसके अलावा श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी, किसी भी सामान को न छूने और मास्क लगाने की हिदायत एनाउंस के माध्यम से दी जा रही है। 60 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम उम्र वालों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। दर्शनों के पूर्व ऑनलाइन बुकिंग कराना अनिवार्य है।