आरडी गार्डी और माधवनगर में आयसीयू फुल, गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी, स्ट्रैचर पर लेटे हुए पलंग खाली होने का कर रहे इंतजार
उज्जैन:कोरोना महामारी ने उज्जैन शहर में जिस प्रकार से करवट लेना शुरू की है, उसे देखते हुए उपचार के साधनों का अभाव सामने आ गया है। रोजाना सिम्प्टोमेटिक मरीजों की बढ़ती संख्या और इनमें भी आयसीयू लायक गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या आने वाले दिनों में हाहाकार मचा सकती है।
ताजा उदाहरण आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज और शासकीय माधवनगर का है। आज सुबह आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में वार्ड में पलंग खाली थे लेकिन आयसीयू हाउसफुल चल रही थी। हालात यह रहे कि कुछ कोरोना सिम्प्टोमेटिक गंभीर मरीज, जिनको आयसीयू में उपचार की सख्त आवश्यकता थी,आयसीयू से बाहर स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे पलंग खाली होने का इंतजार कर रहे थे। उनकी मजबूरी थी कि वे कहीं जा भी नहीं सकते थे। यही स्थिति शा.माधवनगर की थी। आज सुबह यहां पर भी आयसीयू फुल होने के बाद मरीजों को आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेजा जाना शुरू कर दिया गया था। इससे मेडिकल कॉलेज में लोड बढ़ गया।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार कल ठीक होकर गए 9 मरीजों के बाद भी कॉलेज में 88 कोरोना पॉजीटिव मरीज थे, जिनसे आयसीयू फुल थी। वार्ड में पलंग खाली हैं लेकिन आयसीयू में नहीं। यही कारण है कि आयसीयू में भेजे जाने वाले कोरोना पॉजीटिव मरीज भी आयसीयू के बाहर स्ट्रैचर पर लेटे पलंग खाली होने का इंतजार कर रहे थे। यह आरोप भी आया कि शासकीय माधवनगर अस्पताल से आज सुबह से मरीजों को मेडिकल कॉलेज रैफर किया जा रहा है। पूछने पर जवाब मिलता है की हमारे यहां पलंग खाली नहीं है। ऐसे में यदि आज शाम को 30-40 मरीज और पॉजीटिव आ गए तो क्या करेंगे? आयसीयू कहां से लाएंगे?
यह हुआ सुबह 9 बजे…
आरडी गार्डी कॉलेज की आयसूयी से आज प्रात: 9 बजे एक डॉक्टर बाहर आया और चिल्लाया: सुधाकर सर, आप पैशेंट भेजे जा रहे हैं अंदर, यहां वेंटीलेटर और पलंग तो इतने ही है। फिर अब इनका उपचार कैसे करूं? ऐसा करो, मुझे हटा दो यहां से, कोई मर गया तो मैरे गले पड़ जाएंगे लोग। इस पर डॉ.वैद्य ने कहा- संयम रखो, उपचार शुरू करो। बाकी व्यवस्थाएं देखते हैं। अब हमारे पास मरीज उन्होने भेज ही दिया है तो मरीज की क्या गलती? चलो, देखते हैं। यह कहते हुए डॉ. वैद्य भी आयसीयू में गए और उपचार का सिलसिला शुरू करवाया। इस समय भी आयसीयू से बाहर मरीज स्ट्रेचर पर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था और गेट की तरफ देख रहा था कि कब दरवाजा खुले और उसे अंदर ले जाएंगे।
इसलिए भेज रहे आरडी गार्डी में
शासकीय माधवनगर अस्पताल के प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा के अनुसार हमारे यहां आयसीयू फुल हो गया है। अन्य वार्डो में भी मरीज बड़ी संख्या में है। ऐसे में हम गंभीर मरीजों को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज रैफर कर रहे हैं।
कल आए 41 पॉजीटिव में केवल 34 पुुरूष…
कल रात्रि में जो 41 कोरोना पॉजीटिव आए,उनमें अधिकांश सिम्प्टोमेटिक ही थे। वहीं महिलाओं की संख्या केवल 7 थी, शेष पुरूष थे। इन मरीजों में से कुछ गंभीर मरीजों को शा.माधवनगर में आयसीयू फुल होने के कारण आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किया गया था। वहां भी आयसीयू फुल होने के कारण अफरा-तफरी मची हुई थी।
अगर किसी पेशेंट की मौत हो गई तो बदमान हम होंगे: डॉ.सुधाकर वैद्य
इस संबंध में जब आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉ.सुधाकर वैद्य से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि हमने शासकीय माधवनगर अस्पताल फोन लगाकर कहा कि हमारे यहां आयसीयू फुल है, आप मरीज मत भेजो। आपके पास अमलतास का विकल्प है, वहां भेजो। इस पर कहा जा रहा है कि आपके यहां व्यवस्थाएं अच्छी है, इसलिए भेज रहे हैं। हमने बता दिया कि हमारे यहां आयसीयू के बाहर क्यू लग गई है? अब नया आयसीयू कहां से लाएं? इसके बावजूद लगातार पेशेंट भेज रहे हैं।
उज्जैन:कोरोना महामारी ने उज्जैन शहर में जिस प्रकार से करवट लेना शुरू की है, उसे देखते हुए उपचार के साधनों का अभाव सामने आ गया है। रोजाना सिम्प्टोमेटिक मरीजों की बढ़ती संख्या और इनमें भी आयसीयू लायक गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या आने वाले दिनों में हाहाकार मचा सकती है।
ताजा उदाहरण आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज और शासकीय माधवनगर का है। आज सुबह आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में वार्ड में पलंग खाली थे लेकिन आयसीयू हाउसफुल चल रही थी। हालात यह रहे कि कुछ कोरोना सिम्प्टोमेटिक गंभीर मरीज, जिनको आयसीयू में उपचार की सख्त आवश्यकता थी,आयसीयू से बाहर स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे पलंग खाली होने का इंतजार कर रहे थे। उनकी मजबूरी थी कि वे कहीं जा भी नहीं सकते थे। यही स्थिति शा.माधवनगर की थी। आज सुबह यहां पर भी आयसीयू फुल होने के बाद मरीजों को आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेजा जाना शुरू कर दिया गया था। इससे मेडिकल कॉलेज में लोड बढ़ गया।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार कल ठीक होकर गए 9 मरीजों के बाद भी कॉलेज में 88 कोरोना पॉजीटिव मरीज थे, जिनसे आयसीयू फुल थी। वार्ड में पलंग खाली हैं लेकिन आयसीयू में नहीं। यही कारण है कि आयसीयू में भेजे जाने वाले कोरोना पॉजीटिव मरीज भी आयसीयू के बाहर स्ट्रैचर पर लेटे पलंग खाली होने का इंतजार कर रहे थे। यह आरोप भी आया कि शासकीय माधवनगर अस्पताल से आज सुबह से मरीजों को मेडिकल कॉलेज रैफर किया जा रहा है। पूछने पर जवाब मिलता है की हमारे यहां पलंग खाली नहीं है। ऐसे में यदि आज शाम को 30-40 मरीज और पॉजीटिव आ गए तो क्या करेंगे? आयसीयू कहां से लाएंगे?
यह हुआ सुबह 9 बजे…
आरडी गार्डी कॉलेज की आयसूयी से आज प्रात: 9 बजे एक डॉक्टर बाहर आया और चिल्लाया: सुधाकर सर, आप पैशेंट भेजे जा रहे हैं अंदर, यहां वेंटीलेटर और पलंग तो इतने ही है। फिर अब इनका उपचार कैसे करूं? ऐसा करो, मुझे हटा दो यहां से, कोई मर गया तो मैरे गले पड़ जाएंगे लोग। इस पर डॉ.वैद्य ने कहा- संयम रखो, उपचार शुरू करो। बाकी व्यवस्थाएं देखते हैं। अब हमारे पास मरीज उन्होने भेज ही दिया है तो मरीज की क्या गलती? चलो, देखते हैं। यह कहते हुए डॉ. वैद्य भी आयसीयू में गए और उपचार का सिलसिला शुरू करवाया। इस समय भी आयसीयू से बाहर मरीज स्ट्रेचर पर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था और गेट की तरफ देख रहा था कि कब दरवाजा खुले और उसे अंदर ले जाएंगे।
इसलिए भेज रहे आरडी गार्डी में
शासकीय माधवनगर अस्पताल के प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा के अनुसार हमारे यहां आयसीयू फुल हो गया है। अन्य वार्डो में भी मरीज बड़ी संख्या में है। ऐसे में हम गंभीर मरीजों को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज रैफर कर रहे हैं।
कल आए 41 पॉजीटिव में केवल 34 पुुरूष…
कल रात्रि में जो 41 कोरोना पॉजीटिव आए,उनमें अधिकांश सिम्प्टोमेटिक ही थे। वहीं महिलाओं की संख्या केवल 7 थी, शेष पुरूष थे। इन मरीजों में से कुछ गंभीर मरीजों को शा.माधवनगर में आयसीयू फुल होने के कारण आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किया गया था। वहां भी आयसीयू फुल होने के कारण अफरा-तफरी मची हुई थी।
अगर किसी पेशेंट की मौत हो गई तो बदमान हम होंगे: डॉ.सुधाकर वैद्य
इस संबंध में जब आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉ.सुधाकर वैद्य से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि हमने शासकीय माधवनगर अस्पताल फोन लगाकर कहा कि हमारे यहां आयसीयू फुल है, आप मरीज मत भेजो। आपके पास अमलतास का विकल्प है, वहां भेजो। इस पर कहा जा रहा है कि आपके यहां व्यवस्थाएं अच्छी है, इसलिए भेज रहे हैं। हमने बता दिया कि हमारे यहां आयसीयू के बाहर क्यू लग गई है? अब नया आयसीयू कहां से लाएं? इसके बावजूद लगातार पेशेंट भेज रहे हैं।