उज्जैन जिले के आनन्दकों का ऑनलाइन परिचय सम्मेलन सम्पन्न
उज्जैन 02 सितम्बर। मध्य प्रदेश शासन के आध्यात्म विभाग के स्वशासी संस्थान राज्य आनन्द संस्थान के द्वारा उज्जैन जिले के पंजीकृत आनन्दकों से संवाद स्थापित करने तथा समाज में सकारात्मक वातावरण प्रसारित करने के उद्देश्य से जिले में गत 28 से 30 अगस्त तक आनन्दकों का ऑनलाइन परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्बन्ध में संस्थान की प्रशिक्षित टीम के द्वारा जिले के नये आनन्दकों को संस्थान के परिचय के साथ जीवन में सकारात्मक बने रहने के टीप्स बताये गये।
संस्थान के सीईओ श्री अखिलेश अर्गल ने कहा कि दूसरों के अन्दर न झांकें बल्कि अपने अन्दर झांकें, अपने को जानें और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण किस प्रकार फैलाया जाये, इस पर विचार करें। उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस दौर में अन्दर के आनन्द को बनाये रखने और सेवाभाव में उत्साह, आनन्द बनाये रखने के लिये आनन्दकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला समन्वयक डॉ.प्रवीण जोशी ने कहा कि जिन्दगी में हमेशा जो लोग ऊर्जावान व सकारात्मक सोच के साथ आनन्दित रहते हैं और दूसरों को भी आनन्द बांटते हैं, तो निश्चित रूप से उनका जीवन सार्थक हो जाता है। इस तीन दिवसीय आनन्दक सम्मेलन (प्रतिदिन डेढ़ घंटा प्रति सत्र) में लगभग 40 प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया।
उज्जैन 02 सितम्बर। मध्य प्रदेश शासन के आध्यात्म विभाग के स्वशासी संस्थान राज्य आनन्द संस्थान के द्वारा उज्जैन जिले के पंजीकृत आनन्दकों से संवाद स्थापित करने तथा समाज में सकारात्मक वातावरण प्रसारित करने के उद्देश्य से जिले में गत 28 से 30 अगस्त तक आनन्दकों का ऑनलाइन परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्बन्ध में संस्थान की प्रशिक्षित टीम के द्वारा जिले के नये आनन्दकों को संस्थान के परिचय के साथ जीवन में सकारात्मक बने रहने के टीप्स बताये गये।
संस्थान के सीईओ श्री अखिलेश अर्गल ने कहा कि दूसरों के अन्दर न झांकें बल्कि अपने अन्दर झांकें, अपने को जानें और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण किस प्रकार फैलाया जाये, इस पर विचार करें। उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस दौर में अन्दर के आनन्द को बनाये रखने और सेवाभाव में उत्साह, आनन्द बनाये रखने के लिये आनन्दकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला समन्वयक डॉ.प्रवीण जोशी ने कहा कि जिन्दगी में हमेशा जो लोग ऊर्जावान व सकारात्मक सोच के साथ आनन्दित रहते हैं और दूसरों को भी आनन्द बांटते हैं, तो निश्चित रूप से उनका जीवन सार्थक हो जाता है। इस तीन दिवसीय आनन्दक सम्मेलन (प्रतिदिन डेढ़ घंटा प्रति सत्र) में लगभग 40 प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया।
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