पंजीयन नहीं कराने पर महाकाल दर्शन के 101 रुपए तो देना ही होंगे

पंजीयन नहीं कराने पर महाकाल दर्शन के 101 रुपए तो देना ही होंगे
 दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई बढ़ गई, रावण दहन भी होगा
अब मल्टीप्लेक्स चालू होंगे फिर भी कोरोना का ये कैसा डर


 


उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर में बगैर पंजीयन के यदि कोई श्रद्धालु पहुंचा तो उसे 101 रुपए की रसीद कटवाना ही होगी। मंदिर प्रबंध समिति फिलहाल इस निर्णय को लेकर अपने कदम पिछे हटाना नहीं चाहती। प्रशासक का कहना है कि कोरोना को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया है। उनके पास इस प्रश्न का उत्तर नहीं है कि कोरोना के बीच सरकार लगातार अनलॉक के नए बिंदु लागू कर रही है। ऐसे में महाकाल मंदिर में सशुल्क दर्शन के मायने क्या?

सरकार ने दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय ले लिया। यह भी तय कर लिया कि दशहरा पर्व पर रावण के पुतले का दहन होगा। इधर मल्टी प्लेक्स खोले जाना है। ऐसे में भीड़ का दबाव तो सभी तरफ बढऩा ही है। ऐसे में आस्था के केंद्र महाकाल मंदिर में पंजीयन नहीं करवाने वालों पर 101 रुपए की सशुल्क रसीद कटवाने का दबाव बनाना कहां तक उचित है?

लोगों का आरोप- दर्शन के 101 रुपए तो जजिया कर जैसे

1.शाजापुर निवासी कमल जैन जो उज्जैन किसी काम से आए थे, महाकाल मंदिर दर्शन करने आए। उन्होने कहाकि सरकार सारे क्षेत्रों को खोल रही है, इधर मंदिर प्रशासक रास्ते बंद करते जा रहे हैं। 101 रुपए तो जजिया कर जैसे हैं।

2.इंदौर से आए राम अवतार तिवारी ने कहा कि अपनी पत्नी के साथ मोटर साईकिल पर आए थे। दर्शन करने गए तो पता चला कि ऑनलाइन पंजीयन होता है एक दिन पूर्व। आगे पूछताछ की तो कहा गया कि 101-101 रुपए की रसीद कटवाओ और दर्शन करो। ऐसा तो प्रदेश के किसी मंदिर में नहीं हो रहा। फिर महाकाल मंदिर में क्यों? हमारे इंदौर में तो सारे मंदिर खोल दिए गए दर्शन के लिए। यहां प्रतिबंध का अच्छा बहाना ढूंढ लिया प्रशासन ने।

3.शहर के ढांचा भवन निवासी गोपाल वर्मा ने कहा कि हम तो साधारण परिवार से हैं। सोमवार का दिन था, इसलिए आ गए दर्शन करने। पता चला कि यहां पंजीयन नहीं कराया था, इसलिए 10१ रुपए देने होंगे। हमारे पास तो टच स्क्रीन वाला मोबाइल फोन भी नहीं है। किससे करवाएं पंजीयन। यह तो गरीबों पर अत्याचार है। महाकाल तो सभी के हैं। फिर क्यों रखा जा रहा है उनसे दूर?

दर्शन की यह व्यवस्था जारी रखेंगे: सुजानसिंह रावत
प्रशासन सुजानसिंह रावत के अनुसार यह व्यवस्था जारी रहेगी। हर किसी के पास मोबाइल फोन है। नि:शुल्क पंजीयन होता है। इसमें श्रद्धालुओं को आपत्ति नहीं होना चाहिए। उनकी कुछ श्रद्धालुओं से चर्चा हुई थी। उन्हीं का सुझाव था कि जो पंजीयन नहीं करवा पाए, उनसे 101 रुपए लेना शुरू करो। हमने सुझाव मान लिया।

इधर मंदिर के बाहर दर्शन करवाने का नया खेल…

पंजीयन करवाओ, एसएमएस को फार्रवार्ड करो और रुपए कमाओ

महाकाल मंदिर के बाहर कुछ दुकानदारों द्वारा पूर्व में ऑनलाइन भस्मार्ती दर्शन को लेकर मामले उजागर हुए थे। इन मामलों में फर्जी बुकिंग के आधार पर अधिक रुपए लेकर दर्शन करवाए जा रहे थे। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के कारण यह काम बंद हो गया था। इधर फर्जी तरीके से कमाई का अलग तरीका ढूंढ लिया गया है। महाकाल मंदिर प्रशासक सुजानसिंह रावत के अनुसार उत्तर प्रदेश से आए दर्शनार्थियों ने जब पंजीयन का एसएमएस बताया तो शंका हुई। पूछताछ में उन्होने बताया कि बाहर एक दुकानदार ने उनसे 200-200 रुपए लिए और एसएमएस फार्रवर्ड कर दिया।

उसका कहना था कि मंदिर में आसानी से प्रवेश मिल जाएगा और दर्शन हो जाएंगे। उन्होने पड़ताल की तो पता चला कि बाहर कुछ दुकानदारों द्वारा पंजीयन करवा लिया जाता है। उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस आ जाते हैं। इसके बाद बाहर से आने वाले ऐसे दर्शनार्थी, जिन्होने पंजीयन नहीं करवाया है, जब दर्शन के लिए भटकते हैं तो ये लोग अपने एसएमएस को फार्रवर्ड कर देते हैं और रुपए वसूल लेते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

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