जब तक कोरोना का संक्रमण ख़त्म नहीं होता है तब तक प्रीबुकिंग के माध्यम से दर्शन व्यवस्था बनाये रखना आवश्यक, 101 रुपये की रसीद के साथ दर्शन की व्यवस्था का उद्देश्य बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करना

 जब तक कोरोना का संक्रमण ख़त्म नहीं होता है तब तक प्रीबुकिंग के माध्यम से दर्शन  व्यवस्था  बनाये  रखना  आवश्यक, 101 रुपये की रसीद के साथ दर्शन  की व्यवस्था का उद्देश्य बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं  को  सुविधा प्रदान  करना


  


उज्जैन 7 अक्टूबर। केंद्र एवं राज्य शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए कोविड-19 संक्रमण  समाप्त होने   तक महाकाल मंदिर में प्री बुकिंग से दर्शन करने की व्यवस्था लागू करना अत्यावश्यक है  ।  दर्शन   व्यवस्था  पूरी  तरह  खोल  देने   से  कोरोना  संक्रमण    व्यापक  पैमाने पर  फैल  सकता है ।ऑनलाइन  बुकिंग  व्यवस्था का लाभ लेकर प्रतिदिन बड़ी संख्या में विभिन्न स्लॉट्स में अपनी  दर्शनार्थी    दर्शन का लाभ ले रहे हैं। किंतु जानकारी के अभाव में कई बार अन्य प्रदेशों से एवं प्रदेश के लोग श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए बिना  बुकिंग  के  पहुंच जाते हैं।  इसलिए ऐसे दर्शनार्थियों को सुविधा प्रदान करने के लिए ही ₹101 की  दान रसीद कटवा कर सामान्य  दर्शन की सुविधा दी गई है।

कलेक्टर  एवम  श्रीमहाकलेश्वर मन्दिर  समिति  के अध्यक्ष श्री आशीष सिंह  ने यह  जानकारी  देते  हुए  बताया कि      प्रीबुकिंग के माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं को अभी भी मात्र 15-20 मिनट में ही निःशुल्क  दर्शन हो  रहे  है  और  होते रहेंगे। विगत चार महीनों से यह व्यवस्था चलने के कारण लगभग सभी तक इसकी जानकारी भी पहुँच चुकी है। प्रीबुकिंग की व्यवस्था की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब पूरे देश भर के मंदिर बंद थे तब मात्र इसी व्यवस्था के कारण 3 महीनों तक प्रतिदिन 5000-7000 श्रद्धालुओं को दर्शन सम्भव हो सके। यदि  101 रुपया की रसीद के माध्यम से दर्शन  की व्यवस्था ख़त्म करते हैं तो ख़ास तौर पर प्रदेश के बाहर  से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही  यदि प्रीबुकिंग की व्यवस्था को  समाप्त  किया जाता है तो ज़्यादातर श्रध्दालु मात्र सुबह और शाम को ही आने का प्रयास करेंगे जिससे 2-4 घंटों के लिए मंदिर में अत्यंत भीड़ रहेगी और शेष समय मंदिर लगभग ख़ाली रहेगा जो कहीं न कहीं कोरोना के संक्रमण को  बढ़ाएगा।

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