कोरोना से लडऩे वाले योद्धाओं के बीच भागमभाग
सरकारी हॉस्पिटल से बुलावा- आ जाओ… प्रायवेट हॉस्पिटल वाले कह रहे- मत जाओ…
चरक अस्पताल की 5 वीं मंजिल पर नये कोरोना अस्पताल का उद्घाटन
उज्जैन। कोरोना महामारी किसे क्या उपलब्धि दे जाएगी और किसका नुकसान कर देगी,इसका ताजा उदाहरण सीएमएचओ कार्यालय वर्सेस प्रायवेट हॉस्पिटल के बीच कल से छिड़ी जुबानी जंग के रूप में देखा जा सकता है। जो बीएएमएस डॉक्टर्स प्रायवेट नर्सिंग होम/हॉस्पिटल में नौकरी के लिए आवेदन देकर बार-बार कॉल करते थे, अब वे अधिक वेतन की मांग कर रहे हैं। अधिक वेतन न मिलने पर ये डॉक्टर सरकारी बुलावे पर सीएमएचओ कार्यालय पहुंच रहे हैं। यहीं से जुबानी जंग भी प्रारंभ हो गई है।
शा.माधवनगर में सभी वार्ड हाउसफुल है। मरीज सबसे पहले यहीं पर आना चाहते हैं। पीटीएस में भी आयसोलेशन के लिए मरीज भेजे जाते हैं। अब चरक भवन के पांचवे माले पर कोविड केयर सेंटर आज से प्रारंभ हो रहा है। यहां के लिए पेरा मेडिकल स्टॉफ एवं डॉक्टर्स की नियुक्ति की स्वीकृति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सीएमएचओ कार्यालय को मिल चुकी थी। चूंकि डॉक्टर्स उपलब्ध नहीं है,ऐसे में सीएमएचओ कार्यालय के समक्ष असमंजस था कि 2 अक्टूबर से कोविड केयर सेंटर प्रारंभ हो गया नहीं?
इसका तोड़ सीएमएचओ कार्यालय ने निकाला और कुछ अधिकारियों ने शहर के प्रायवेट हॉस्पिटल में कार्यरत एमबीबीएस/बीएएमएस डॉक्टर्स, पेरा मेडिकल स्टॉफ को खबर पहुंचवाई कि नौकरी करना हो तो आ जाओ….। अच्छा वेतन मिलेगा और कोरोना कब तक चले, पता नहीं। नौकरी चलती रहेगी। सरकार की ओर से नौकरी करोगे, ऐसे में बीमा वगैरह सुविधा मिल ही जाएगी। यह खबर पहुंची तो शहर के विभिन्न प्रायवेट नर्सिंग होम/हॉस्पिटल से डॉक्टर्स एवं पेरा मेडिकल स्टॉफ सीएमएचओ कार्यालय पहुंचा और ज्वाईन कर लिया।
कोरोना संक्रमित मरीजों का वर्तमान में शहर के माधव नगर, आरडी गार्डी, अमलतास सहित अन्य अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है इसके अलावा आज चरक अस्पताल की 5 वीं मंजिल पर नये अस्पताल का उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव द्वारा उद्घाटन किया गया। सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल ने बताया कि 100 बेड वाले कोरोना अस्पताल में मामूली लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जायेगा। यहां के अधिकांश बेड पर ऑक्सीजन सिस्टम लगाया गया है। यदि उपचार के दौरान किसी मरीज की तबियत गंभीर होती है तो इमरजेंसी के तौर पर 5 बायपेप मशीनें भी रखी गई हैं।
प्रायवेट अस्पताल बोले- हमारे अस्पताल की व्यवस्था गड़बड़ाई
शहर के प्रायवेट हॉस्पिटल ने जब अपने ऐसे स्टॉफ सदस्यों को मोबाइल फोन किया और कहा कि यह तो गलब बात है। हमारे यहां काम करते थे, अब दूसरी जगह चले गए। अचानक जाने से हमारी व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई है। तब दूसरी ओर से कहा गया कि आप ज्यादा तनख्वाह दे दो, वापस आ जाते हैं? इस पर हॉस्पिटल प्रबंधक चुप हो गए। लेकिन उनका गुस्सा कम नहीं हुआ। उन्होने बातों-बातों में कहाकि ठीक है,कब तक करोगे…जब वहां जरूरत नहीं रहेगी तो निकाल देंगे। हम तो सालों तक चलाते हैं। बाद में मत आना नौकरी मांगने?
ये गलत बात है, एनओसी मांगो उनसे: डॉ.देसाई
प्रायवेट नर्सिंग होम/हॉस्पिटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.चिराग देसाई ने कहा यह तो सीएमएचओ कार्यालय की गलत बात है। हमारे यहां काम कर रहे डॉक्टर्स व स्टॉफ को तोड़ लिया। पहले एनओसी लेना चाहिए थी। अब हमारे यहां व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। स्टॉफ टूटने के बाद हमे अधिक वेतन पर दूसरा स्टॉफ अरेंज करना पड़ रहा है। दो तरफा दबाव में कैसे करेंगे उपचार?
जो भी आएगा उसे काम देंगे: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ.महावीर खंडेलवाल ने कहा कि हमने वैकेंसी निकाली थी। वेतन बता दिया था। जिनको लगा कि प्रायवेट हॉस्पिटल में कम मिलता है और हम अधिक दे रहे है,वे आ गए ज्वाईन करने। हमने अनुबंध किया है। जब तक सरकार चाहेगी, ये काम करेंगे। तय वेतन और सुविधाएं देंगे। हमने क्या गलत किया? हम किसी हॉस्पिटल में स्टॉफ तोडऩे नहीं गए। गलत आरोप है।
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