उज्जैन मंडी में आज महुरत के सौदे पर पूर्व मंत्री ने लगाई बोली, डालर चना 7200 तो सोयाबीन 5501 रुपए बिका
सौदों में गेहूं, ज्वार और मक्का की नीलामी के साथ मंडी खुली…
उज्जैन।दीपावली अवकाश के बाद आज सुबह मंडी खुली। यहां मंडी प्रशासन व व्यापारियों की ओर से मुहूर्त के सौदे व मिलन समारोह का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में शामिल पूर्व मंत्री ने लॉटरी सिस्टम से फसल लेकर आये किसानों का चयन किया जिसमें सबसे पहले सोयाबीन की बोली पूर्व मंत्री द्वारा लगाई गई। व्यापारी ने 5501 में सोयाबीन की अधिकतम कीमत बोलकर फसल खरीदी। इसी प्रकार गेहूं, ज्वार, मक्का और चना की भी बोलियां लगाकर मंडी में कामकाज शुरू हुआ।
चिमनगंज मंडी में मुहूर्त के सौदों का समय सुबह 10.30 बजे से रखा गया था। इससे पूर्व अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री और विधायक पारस जैन, विधायक रामलाल मालवीय, बहादुरसिंह बोरमुंडला आदि सहित व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंडी प्रांगण स्थित भगवान गणेश मंदिर में आरती और पूजन किया। इसके बाद कृषि उपज मंडी समिति की ओर से अलग-अलग गांवों से अपनी फसल लेकर आये किसानों के नामों की पर्ची बनाकर लक्की ड्रा निकाला गया। सबसे पहले लक्की ड्रा विधायक पारस जैन ने सोयाबीन की फसल का खोला जिसमें गणेश निवासी मुल्लापुरा का नाम सामने आया। इसके बाद विधायक रामलाल मालवीय ने गेहूं की फसल लेकर मंडी पहुंचे किसानों की पर्ची खोली जिसमें दिलीप चौधरी निवासी घोंसला का नाम निकला। इसी तरह बहादुरसिंह बोरमंडला ने चना की फसल लेकर आये किसान की पर्ची खोली जिसमें गोर्धन सिंह निवासी चकरावदा का नाम निकला। इसी प्रकार मक्का में लक्की ड्रा के विजेता अंतरसिंह निवासी खिलचीपुर और ज्वार की पर्ची निशु गिरी निवासी पंवासा के नाम से निकली।
व्यापारियों ने लिया बढ़ चढ़कर हिस्सा: अतिथियों और व्यापारियों ने किसानों की बैलगाड़ी पर पहुंचकर लक्की ड्रा में जिस किसान का नाम खुला उसकी फसल की बोली लगाई गई। पूर्व मंत्री पारस जैन ने सोयाबीन फसल की बोली 4501 से शुरू की जिसके भाव बढ़ते हुए 5100 से होते हुए 5501 पर बोली लगी। मुहूर्त के सौदे में सोयाबीन अनिकेत इंटरप्राइजेस के आशीष खंडेलवाल ने खरीदी। इसके बाद गेहूं की बोली लगाई गई। गेहूं के भाव 3101 रहे जिसे ऊषा ट्रेडर्स के व्यापारी ने खरीदी। इसी प्रकार ज्वार की कीमत 2122 रुपये जय जिनेन्द्र ट्रेडर्स के व्यापारी ने लगाई और डालर चना की कीमत 7200 रुपए गोविंद ट्रेडर्स द्वारा लगाकर खरीदी की गई।पिछले वर्ष की तुलना में कम आये किसान: मुहूर्त के सौदे में फसल बेचने के लिये इस वर्ष किसानों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम रही। किसानों ने चर्चा में बताया कि इस वर्ष बारिश लंबे समय तक होने के कारण अनेक किसानों की सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा था और उत्पादन भी कम हुआ इस कारण कम ही किसान फसल लेकर मंडी पहुंचे हैं।
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