मंत्री इमरती देवी इस्तीफे को तैयार नहीं, गिर्राज दंडोतिया इस्तीफा टाल रहे हैं

 मंत्री इमरती देवी इस्तीफे को तैयार नहीं, गिर्राज दंडोतिया इस्तीफा टाल रहे हैं


 


बीजेपी की तरफ से सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वालीं बाल एवं महिला विकास मंत्री इमरती देवी डबरा विधानसभा क्षेत्र से बुरी तरह चुनाव हार गईं। इमरती देवी चुनाव अपने रिश्तेदार और कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश राजे से हारी हैं। इसी तरह, किसान कल्याण और कृषि विकास राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया को मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा सीट से रविंद्र सिंह तोमर से 19,712 से हार का सामना करना पड़ा है।

वहीं, इसे लेकर इमरती देवी से जब संपर्क किया तो कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन दंडोतिया ने कहा कि वह जल्द ही इस्तीफा देंगे। हमें हार मिली है। मेरा इस्तीफा अपरिहार्य है। हम पार्टी के नियमों का पालन करेंगे। चुनाव हारने वाले तीन मंत्रियों में से एक पीएचईडी मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने चुनाव परिणाम के अगले ही दिन इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर जनता ने हमें मंत्री के रूप में जारी रखने की कामना की होती, तो हम जीत जाते। मैं चुनाव हार गया और अगले दिन नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया।

संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्री पद की शपथ लेने के बाद कोई भई व्यक्ति 6 महीन तक मंत्री बने रह सकता है। इस दौरान वह अगर किसी सदन के सदस्य चुने जाते हैं, तो आगे मंत्री रह सकते हैं। वरना उन्हें इस्तीफा देना होगा। मजेदार बात यह है कि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि यदि 6 महीने के भीतर चुनाव लड़ने के बाद वह हार जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा कब देना होगा। विधानसभा के पूर्व मुख्य सचिव भगवानदास ने कहा कि छह महीने बाद इनकी नियुक्त स्वत: रद्द हो जाती है लेकिन नैतिकता के आधार पर इन्हें खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।

Post a Comment

Previous Post Next Post