उज्जैन 23 दिसम्बर। ग्राम कोटवार राजस्व प्रशासन की अहम कड़ी होते हैं। ये लोग समय-समय पर गांवों में होने वाले अवैध उत्खनन, अतिक्रमण, गैर-कानूनी कामों की जानकारी तहसीलदार के माध्यम से राजस्व प्रशासन को पहुंचाते हैं। साथ ही जब भी राजस्व का अमला किसी मुहिम पर जाता है, ये कोटवार उनकी सहायता के लिये चौबीस घंटे खड़े रहते हैं। गत दिवस जब बड़नगर के ग्राम निंबोदा में बड़नगर के एसडीएम एवं राजस्व के अमले व खनिज अधिकारी द्वारा अवैध उत्खनन के लिये जहाजनुमा नाव एवं दो बड़ी नावें पकड़ी गई तो यहां के कोटवार श्री भंवरलाल नायक अहम कड़ी बनकर उभरे और उन्होंने इन नावों को नदी से निकालने में अपनी भूमिका अदा की। 22 दिसम्बर की शाम 6.30 बजे जब ठण्ड अपना असर दिखा रही थी। उसके बावजूद वे ठण्डे पानी में डुबकी लगाकर क्रेन से नावों के हिस्सों को बांध रहे थे, जो बार-बार प्रेशर डालने पर टूट रहे थे। अन्तत: भंवरलाल को सफलता मिली और मशीनों को क्रेन से रस्सों से बांधकर उनके कारण ही नाव बाहर निकाली जा सकी।
बड़नगर के एसडीएम डॉ.योगेश तुकाराम भरसट ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि रेत माफिया जहाजनुमा नाव और दो नावें नदी के पानी में डुबोकर भाग गये। बड़ी मुश्किल से इनको ढूंढा। ढूंढते-ढूंढते शाम हो गई। अब मुश्किल क्रेन से इनको बाहर निकालने की थी। पानी के अन्दर नावों के वजनी हिस्सों को क्रेन की रस्सी से बांधना और फिर इनको खिंचना था, किन्तु जब भी इनको बांधकर खिंचने लगते, रस्सी फिसल रही थी। यहां पर निंबोदा के ग्राम कोटवार भंवरलाल ने हिम्मत से काम लिया और उनको मना करने के बाद भी वे ठण्डे पानी में बार-बार डुबकी लगा-लगाकर मशीनों को बांधने की कोशिश करते रहे। अन्तत: उनकी मेहनत सफल हुई और तीनों नावें बाहर निकालकर नष्ट कर दी गई। डॉ.भरसट ने कहा कि बिना कोटवार की हिम्मत और कार्य के नावें बाहर निकालना कठिन था और उस वक्त नाव निकाली नहीं जाती तो माफिया रात में इनको खिंचकर कहीं ओर ले जाते। एसडीएम में कोटवार भंवरलाल नायक को प्रशंसा-पत्र प्रदान करते हुए उनके साहस के लिये सम्मानित किया है।