बिनोद मिल के मजदूर व उनके आश्रितों के लिए राहतभरी खबर है। इन्हें इनका बकाया भुगतान फरवरी 2021 में मिल सकता है। शासन-प्रशासन स्तर पर इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
गौरतलब है कि आगर रोड स्थित उक्त कपड़ा मिल 1996 में बंद हो गई थी। तब यहां 4353 मजदूर काम करते थे। इन मजदूरों के परिवारों के सामने तभी से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। इन मजदूरों के हक के लिए उज्जैन मिल मजदूर संघ इंटक तभी से विभिन्न स्तरों पर कानूनी लड़ाई लड़ता आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही बिनोद मिल की 18 हेक्टेयर (करीब 90 बीघा) जमीन पर 27 फरवरी 2019 को सरकार ने अपना कब्जा लिया था।
तब यह भी स्पष्ट था कि दो साल के भीतर मिल से जुड़े श्रमिकों को उनका भुगतान शासन द्वारा कर दिया जाए। चूंकि ये डेड लाइन भी 27 फरवरी 2021 को खत्म हो रही है, लिहाजा शासन-प्रशासन स्तर पर उक्त भुगतान करने की तैयारियां की जाने लगी है। यदि इस डेड लाइन में भुगतान होता है तो 25 साल की लड़ाई व इंतजार के बाद इसमें विराम लगेगा।