दिल्ली से लौटकर मध्यप्रदेश के 15 महीने के मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ के एक बार फिर दिल्ली वापस लौटने की अटकलों के बीच ये चर्चा चल पड़ी है कि वे मध्यप्रदेश में कौन सी जिम्मेदारी अपने पास रखना चाहेंगे? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हालांकि ये फैसला कमलनाथ को खुद करना है लेकिन उनके फैसले से पहले ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। सियासी पंडित अपनी अपनी राय देने लगे हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ पिछले करीब दो साल से मध्यप्रदेश की राजनीति की धुरी बने हुए हैं। दिग्गज कांग्रेस नेताओं में शुमार कमलनाथ भले ही केंद्र सरकार में मंत्री रहे और केंद्रीय नेतृत्व में जिम्मेदारियां निभाते हुए रणनीतिकार की भूमिका में रहे हों लेकिन मध्यप्रदेश में उनकी ये काबिलियत कांग्रेस को सफलता नहीं दिला पाई। ज्योतिरादित्य सिंधिया से सामंजस्य नहीं बैठा पाने के कारण वे मात्र 15 महीने सरकार चला पाए, विधानसभा उप चुनावों में भी उनके सर्वे और गणित फेल हो गए जिसपर उनके ही साथी सवाल उठाने लगे हैं। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों की जिम्मेदारी अपने पास रखकर वे अपने ही साथियों के निशाने पर भी आये। जिसके बाद उनपर एक पद छोड़ने का दबाव बढ़ता ही जा रहा है।