उज्जैन मैं आने वाले दिनों में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू होने वाला है। शासन के निर्देश पर वैक्सीन लगाने से पूर्व ड्राय रन के तौर पर आम व्यक्ति को वैक्सीन लगाने से लेकर 30 मिनिट तक वेटिंग रूम में डॉक्टर की निगरानी का अभ्यास किया गया।इस दौरान सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल ने सुदामा नगर स्थित नर्सिंग कॉलेज में ड्राय रन की व्यवस्था देखी और संबंधितों को आवश्यक निर्देश भी दिये। ड्राय रन तराना के शासकीय और पुष्पा मिशन अस्पताल में भी हुआ। सीएमएचओ ने ड्राय रन के दौरान वैक्सीनेटर ऑफिसर से वैक्सीन लगाने की जानकारी ली और स्वयं कुर्सी पर बैठकर पूछा कि व्यक्तिको आप किस प्रकार इंजेक्शन लगाएंगी और उसके बाद की प्रक्रिया क्या रहेगी…?
डॉ. खंडेलवाल ने बताया कि वैक्सीन को 28 दिनों तक उपयोग में ले सकते हैं। एक वैक्सीन में 10 एमएल दवा होगी। एक व्यक्ति को 0.5 एमएल दवा का इंजेक्शन लगेगा, शेष 0.5 एमएल दूसरे व्यक्ति को लगेगा। लेकिन व्यक्तियों की संख्या पूरी होने के बाद यदि वैक्सीन बचती है तो उसे उपयोग में न लेते हुए नष्ट कर दिया जायेगा। शासन द्वारा डिमांड से 10 प्रतिशत अधिक दवा उपलब्ध कराई जाती है।
कोरोनाकाल में सबसे अधिक जोखिम स्वास्थ्यकर्मियों को उठाना पड़ा, लेकिन डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी परवाह न करते हुए दिन रात मेहनत कर कोरोना पीडि़तों का उपचार किया था। इसी के चलते शासन द्वारा सबसे पहले कोरोना वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों को लगाने का निर्णय लिया है। डॉ. खंडेलवाल ने बताया कि अब तक कुल 12448 स्वास्थ्य कर्मियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। वैक्सीन मिलने के बाद उन्हें मोबाइल पर मैसेज दिया जायेगा। जिसमें स्थान, समय आदि की जानकारी भी होगी।
सीएमएचओ डॉ. खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना वैक्सीन लगाने से पहले व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन होगा। उसके बाद तय दिनांक को व्यक्ति को वैक्सीन सेंटर बुलाया जायेगा। इसके लिये सुबह 9 से शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित रहेगा। वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति से इस बात की पुष्टि की जायेगी कि उसे बुखार, खांसी अथवा अन्य मेडिकल समस्या तो नहीं है। हालांकि हार्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर के मरीजों को इससे छूट रहेगी। पुष्टि होने के पश्चात व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जायेगी और 30 मिनिट तक डॉक्टर की निगरानी में वेटिंग रूम में बैठाया जायेगा। डॉ. खंडेलवाल के अनुसार वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को खुजली अथवा एक दिन का मामूली बुखार हो सकता है। यदि व्यक्ति को 30 मिनिट में कोई परेशानी नहीं होती तो उसे घर भेज दिया जायेगा, लेकिन व्यक्ति को उल्टी, बुखार या अन्य कोई परेशानी होती है तो मौजूद डॉक्टर तुरंत उपचार करेंगे और हालत गंभीर होने पर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएंगे।
ड्राय रन के दौरान एक मरीज को वैक्सीन लगाने और उसे डॉक्टर के आब्र्जवेशन में रखने तक के समय की गणना की गई है। फिलहाल 100 लोगों को प्रतिदिन वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन व्यक्ति के आने का समय और 30 मिनिट वेटिंग जोडऩे के बाद यह संख्या शुरूआत में 60 तक रह सकती है। सबकुछ सामान्य चलने पर वैक्सीन लगाने की संख्या को बढ़ाया जायेगा।