उज्जैन 24 जनवरी। रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण प्रदेश के साथ उज्जैन जिले में भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान बृहस्पति भवन में कलेक्टर श्री आशीष सिंह की मौजूदगी में एनआईसी कक्ष में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश गान और सम्मान गान का गायन किया गया। इसके पश्चात कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित नृत्य नाटिका का मंचन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है, लेकिन मन में प्रश्न यह आता है कि ऐसे दिवस की जरूरत क्यों है, क्या हर दिन बेटियों का नहीं होना चाहिये। बेटियां करूणा, दया, प्रेम, आत्मीयता, भक्ति, ज्ञान और कर्म है। बेटियां शुभ हैं, शुभकामनाएं हैं। इनके बिना यह दुनिया नहीं चल सकती। संसार में जितने भी महापुरूष हुए हैं, उन्हें जन्म देने वाली भी कोई न कोई मां ही थी। हम इक्कीसवी शताब्दी में जी रहे हैं, लेकिन आज भी जब बेटियों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आती हैं तो मन को झिंझोड़ कर रख देती हैं। हमें परिस्थितियों को बदलने की जरूरत है। जो सम्मान भारतीय संस्कृति में बेटियों को प्राप्त है, वह बेटों को नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके हर शासकीय कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ बेटियों की पूजा से ही प्रारम्भ होता है। आज भी कई परिवार ऐसे हैं, जो बेटियों के जन्म के समय खुश नहीं होते। इसी कारण सरकार द्वारा लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से सन 2007 में लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रारम्भ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि 2007 में जिन बालिकाओं को उन्होंने गोद में खिलाया था, आज उन्हीं से मुखातिब होने का अवसर दोबारा प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें माता, बहन और बेटियों की जिन्दगी सुरक्षित करना है। महिलाओं के कल्याण और विकास के लिये और भी नई योजनाएं प्रारम्भ की जायेंगी। प्रदेश में सभी स्थानों पर शौर्या दल की सफलता की कहानियां सुनाई जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पंख अभियान भी प्रारम्भ किया जा रहा है, जो एक वर्ष तक निरन्तर चलेगा। ‘PANKH’ का मतलब पी से प्रोटेक्शन, ए से अवेयरनेस, एन से न्युट्रिशियन, के से नॉलेज और एच से हैल्थ है। महिलाओं की जागरूकता उनकी सुरक्षा, पोषण, ज्ञान और स्वास्थ्य के लिये यह अभियान चलाया जायेगा। इसमें महिला एवं बाल विकास के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग द्वारा भी आवश्यक सहयोग एवं समन्वय किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा नये सिरे से बेटी बचाओ अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है। सरकार इस ओर भी निरन्तर कार्य करती रहेगी। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिये सरकार के साथ-साथ समाज को भी खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बेटियों की तरक्की की राह में आने वाली हर बाधा दूर होगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा पंख अभियान पर केन्द्रित पुस्तिका का विमोचन किया गया। पूरे प्रदेश में नवीन 501 आंगनवाड़ी भवन और वनस्टॉप सेन्टर्स का लोकार्पण किया गया तथा प्रदेश की 26 हजार 99 बालिकाओं को छात्रवृत्ति वितरित की गई।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश की कुछ लाड़ली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत लाभान्वित बालिकाओं से बातचीत भी की। इसमें उन्होंने उज्जैन की बालिका कु.विधि शुक्ला से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। उल्लेखनीय है कि कु.विधि शुक्ला कक्षा 11वी में अध्ययनरत है। उन्होंने कॉमर्स विषय लिया है। विधि भविष्य में भारतीय सेना में जाना चाहती है। उन्हें समय-समय पर शासन द्वारा छात्रवृत्ति भी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री ने विधि से पूछा कि उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ मिला है कि नहीं। इस पर विधि ने कहा कि उन्हें सभी शासकीय योजनाओं का समय-समय पर लाभ मिला है। छात्रवृत्ति से उन्होंने लेपटॉप लिया है, जिसकी वजह से ऑनलाइन पढ़ाई और कोचिंग में उन्हें काफी सहायता मिल रही है।
विधि ने मुख्यमंत्री को जब धन्यवाद कहा तो मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि अपने मामा को धन्यवाद मत बोलो, यह तो मेरा कर्त्तव्य है। मुख्यमंत्री द्वारा विधि के भारतीय सेना में जाने के फैसले की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि विधि का यह फैसला काफी साहसिक है। अब हमारी सेना में भी बेटों के साथ-साथ बेटियां भी बराबरी कर रही हैं। उन्होंने विधि के देशभक्ति के जज्बे को प्रणाम किया। साथ ही उज्ज्वल भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियां शौर्य में किसी से भी कम नहीं हैं। प्रदेश की सभी बालिकाओं और महिलाओं के प्रति सन्देश में उन्होंने कहा कि वे अन्याय को बिलकुल न सहें। बालिकाओं के साथ यदि कोई छेड़खानी होती है तो डरे नहीं, बतायें। ऐसे बदमाशों को सरकार नहीं छोड़ेगी। इनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जायेगी। बालिकाओं से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने वनस्टॉप सेन्टर्स की संचालकों से भी बातचीत की।
बृहस्पति भवन में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर द्वारा कन्याओं का पूजन किया गया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 26 बालिकाओं का सम्मान किया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के श्री गौतम अधिकारी, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी, समस्त सीडीपीओ, वनस्टॉप सेन्टर की संचालक, सुधार गृह की संचालक एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।