उज्जैन।राजेन्द्र नगर गली नं. 1 में रहने वाले नेवी ऑफिसर की हार्ट अटैक के बाद मृत्यु हो गई। सुबह मिलेट्री वाहन में युवा ऑफिसर का शव घर लाया गया। यहां से 9 बजे शुरू हुई अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए जिन्होंने हाथों में तिरंगा लिया और भारत माता की जय के नारे आसमान में गूंजने लगे। भास्कर पांडे पिता नंदवल्लभ पांडे 28 वर्ष निवासी राजेन्द्र नगर गली नं. 1 नेवी में अधिकारी थे।राजकीय सम्मान के साथ सेना के ट्रक में उनकी अंतिम यात्रा निकली। चक्रतीर्थ घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।
भास्कर पांडे ने 30 जनवरी 2012 को नेवी ज्वाईन की और 9 वर्षों के कार्यकाल के दौरान देश के विभिन्न शहरों में रहे। वर्तमान में भास्कर पांडे विशाखापट्टनम में पदस्थ थे। 8 जनवरी को उनकी तबियत बिगडऩे की सूचना परिजनों को मिली तो पिता, मां, भाई व बहन विशाखापट्टनम पहुंचे थे। जहां उपचार के दौरान भास्कर की 19 जनवरी की सुबह मृत्यु हो गई। नेवी के हेलीकाप्टर से उनका शव महू लाया गया।
जहां से सेना के वाहन से सुबह 6 बजे शव उनके निवास स्थान राजेन्द्र नगर पहुंचा। भास्कर के घर के बाहर सैकड़ों लोग एकत्रित हो गये। सुबह 9 बजे शव को सेना के वाहन में रखा गया जिसमें नेवी के जवान, भास्कर की छोटी बहन व भाई भी सवार हुए।
जैसे ही सेना का वाहन भास्कर के घर से आगे बढ़ा तो लोगों ने भारत माता की जय से आसमान गूंजा दिया। अंतिम यात्रा में ट्रक के पीछे हाथों में तिरंगे लेकर चल रहे लोग पूरे रास्ते देश भक्ति के नारे लगाते रहे।
सड़कें फूलों से भर गईं:भास्कर पांडे की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से प्रारंभ हुई जिसमें रितेश्दारों, परिजनों के अलावा सैकड़ों देश भक्त भी शामिल हुए। आगे-आगे डीजे पर देश भक्ति के गीत बज रहे थे। कई लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे। जगह-जगह मंचों से पुष्प वर्षा की जा रही थी। मालीपुरा से अंतिम यात्रा गुजरी तो सड़क फूलों से भर गई।
आंखों में आंसू, लेकिन गर्व से सिर ऊंचा:उनके परिवार में पिता नंदवल्लभ पांडे इंदौरगेट स्थित आबकारी विभाग में पदस्थ हैं, मां बीना पांडे गृहिणी हैं। बड़ी बहन का विवाह हो चुका है छोटा भाई जीवन पांडे कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है और एक छोटी बहन भी हैं। भास्कर के परिवारजन उनके असामयिक निधन से दुखी तो थे आंखों से आंसू भी झलक रहे थे लेकिन देश की सेवा में रहते हुए भास्कर के निधन से उनका सिर गर्व से ऊंचा था