डाँबाबासाहेब अम्‍बेडकर स्‍मारक की अवैधानिक रूप से गठित समिति को तत्‍काल प्रभाव से भंग किया जाये पूर्व मुख्‍यंमत्री श्री कमलनाथ ने मुख्‍यमंत्री को लिखा पत्र




पूर्व मुख्‍यमंत्री श्री कमल नाथ ने डॉ. बाबा साहेब अम्‍बेडकर की जन्‍मभूमि महू में उनकी स्‍मृति में स्‍थापित स्‍मारक के संचालन के लिये अवैधानिक रूप से गठित की गई समिति को तत्‍काल प्रभाव से भंग कर विधिपूर्वक नियमानुसार गठित समिति को काम करने देने को लेकर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। 

    पूर्व मुख्‍यमंत्री श्री कमल नाथ ने लिखा है कि यह विडम्‍बना है कि जिन डॉ. बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने संविधान का निर्माण कर नियमानुसार काम करने की व्‍यवस्‍था स्‍थ‍ापित की, उन्‍हीं की स्‍मृति में गठित स्‍मारक को अवैधानिक रूप से संचालित किया जा रहा है।  

श्री नाथ ने कहा कि डॉ. अम्‍बेडकर जन्‍म भूमि स्‍मारक महू शासन द्वारा वित्‍त पोषित संस्‍था है। जिस पर सोसायटी रजिस्‍ट़ीकरण अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं। सोसायटी में अब तक 22 सदस्‍य होते रहे हैं और इन्‍हीं सदस्‍यों में से ही अध्‍यक्ष उपाध्‍यक्ष और कार्यकारिणी का गठन होता रहा है। स्‍मारक की सोसायटी गठित थी और विधिपूर्वक काम कर रही थी। सोसायटी के अध्‍यक्ष के असामयिक निधन के बाद कतिपय लोगों ने निजी स्‍वार्थ के चलते अनियमितताएँ शुरू कर दीं। इन लोगों ने सोसायटी के 12-13 नये सदस्‍य बनाकर चुनाव की घोषणा भी कर दी। अवैधानिक रूप से बनाये गये सदस्‍यों के खिलाफ पंजीयक फर्म्‍स  एंड सोसायटीज को शिकायत की गई।  

पंजीयक में समिति में बनाये गये नये सदस्‍यों को अवैधानिक माना और उनकी सदस्‍यता को निरस्‍त कर दिया गया। जिसकी अपील में पंजीयक आदेश को अवैधानिक रूप से निरस्‍त करते हुये नये सदस्‍यों की सदस्‍यता को पुन: बहाल कर दिया गया और समिति के चुनाव करा लिये गये एवं स्‍मारक का प्रभार ले लिया गया जबकि यह पूरा मामला माननीय उच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है। 

श्री नाथ ने अपने पत्र में लिखा कि डॉ. अम्‍बेडकर की स्‍मृति में स्‍थापित स्‍मारक भारत के अनुसूचित जाति वर्ग एवं सर्व समाज के लिये एक महती स्‍मारक है। जिसके संचालन के लिये अवैधानिक रूप से गठित समिति द्वारा काम करने और समिति का स्‍वरूप बदलने से संस्‍था के गठन का मूल उद्देश्‍य एवं अनुसूचति जाति वर्ग की भावनाएं आहत

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