ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की तड़के होने वाली भस्मआरती के पहले श्रद्धालुओं को शार्ट फिल्म दिखाई जाएगी। इस फिल्म में आरती का महत्व बताया जाएगा। ताकि जब श्रद्धालु दो घंटे तक भस्मआरती के दृश्यों को देखे तो वह उसके आध्यात्मिक महात्म को भी समझ सके। उन्हें तीर्थ के संबंध में अन्य जानकारियां भी दी जाएगी।
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में ही तड़के 4 बजे भगवान की भस्मआरती होती है। इसमें भगवान को भस्म अर्पित होती है, इसलिए इसे भस्मआरती कहा जाता है। दो घंटे तक श्रद्धालु नंदी, गणेश और कार्तिकेय परिसर में बैठ कर आरती के दर्शन करते हैं। प्रारंभ में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जाकर भगवान पर जल अर्पण की अनुमति रहती है। मंदिर समिति द्वारा आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन प्री-परमिशन जारी की जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल भस्मआरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को भस्मआरती की शार्ट फिल्म बनाने को कहा है। इसका प्रदर्शन भस्मआरती शुरू होने के पहले किया जाएगा। इसमें श्रद्धालुओं को बताएंगे कि भस्मआरती क्यों की जाती है और इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है। अभी दर्शनार्थी आरती को केवल धार्मिक क्रिया के तौर पर देखते हैं। जब उन्हें पहले से पता होगा कि इसका मर्म क्या है तो वे ज्यादा लगन और समझ के साथ आरती के दर्शन करेंगे।