नगरीय निकाय चुनाव : कांग्रेस विधायक बोले, चुनाव तो मैं ही लडूंगा, जिला अध्यक्ष ने कहा पहले "इस्तीफा" दें




उज्जैन - राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव अप्रैल में कराए जाने के संकेत दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने 3 मार्च 2021 को वोटर लिस्ट फाइनल होने के बाद निकाय चुनाव कराए जाएंगे। बीपी सिंह ने अब साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट का काम 3 मार्च तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद चुनाव होंगे। अब इलेक्शन नहीं टाले जाएंगे। उन्होंने बताया कि होली के आसपास मार्च के माह में इन चुनावों की तारीखों का ऐलान हो जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह की इस घोषणा के बाद सियासी हलचल तेज हो गई हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। 


लेकिन इसी बीच टिकट बंटवारे और चुनाव लड़ने को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। चुनाव से पहले फूट और गुटबाजी साफ देखने को मिल रही हैं। मामला उज्जैन से सामने आया है, जहां उज्जैन महापौर के पद को लेकर जिला अध्यक्ष महेश सोनी और कांग्रेस विधायक महेश परमार आमने-सामने आ गए हैं। 


 

इसका कारण स्थानीय कांग्रेस द्वारा जारी किय गया फॉर्मेट है, जिसके तहत महापौर के दावेदारों को हर वार्ड से कम से कम 50 कांग्रेसी परिवारों का समर्थन पत्र लाना अनिवार्य हैं। हालांकि, तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कोई नियम नहीं आया हैं। चुनाव के लिए नियम सिर्फ पीसीसी चीफ कमलनाथ ही बनाएंगे। उन्होंने दावा किया कि महाभारत के अभिमन्यू की तरह वे ही हर चक्रव्यूह भेद सकते है, इसलिए इस बार का चुनाव सौ फीसदी वे ही लड़ेंगे।


जबकि, जिला अध्यक्ष महेश सोनी ने कांग्रेस विधायक महेश परमार के इस बयान पर ज़ोरदार पलटवार किया हैं। उन्होंने कहना है कि चुनाव लड़ना है तो विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दें, ताकि यहां के कार्यकर्ता को वहां एडजस्ट कर सकें। सोनी का कहना है कि विधायक महेश परमार कोई तोप नहीं हैं, जो हवाई जहाज से आकर यहां चुनाव लड़ लेंगे किसी की दादागिरी नहीं चलने देंगे। कार्यकर्ता को इंसाफ दिलाने के लिए मैं पद तक छोड़ दूंगा। उज्जैन नगर निगम क्षेत्र के बाहर का व्यक्ति चुनाव नहीं लडेगा, पार्टी के लिए समर्पित और निष्ठावान क्षेत्र के कार्यकर्ता को पहले मौका दिया जाएगा। चाहे वह विधायक रामलाल मालवीय हों या महेश परमार। 


गौरतलब है कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में 1 साल की देरी हो चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 27 दिसंबर को आदेश जारी कर कहा था कि चुनाव फरवरी 2021 में कराए जाएंगे। लेकिन कोरोना संक्रमण काल के कारण निकाय चुनाव को टाल दिया गया। प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकायों में से 307 का कार्यकाल 25 सितंबर 2020 को खत्म हो चुका हैं। 8 निकायों का कार्यकाल जनवरी और फरवरी में पूरा हो रहा हैं। त्रिस्तरीय पंचायतों में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा हैं। 29 नई नगर परिषदों में भी चुनाव होना हैं।

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